पुण्यतिथि पर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
माँ तेरी सूरत आँखों से, ओझल हो ना पाती है।
नहीं एक दिन ऐसा जिस दिन, याद न तेरी आती है।
तीन बरस यूँ बीते तुम बिन, जैसे सदियाँ बीत गयी,
मेरी भीगी आँखों को भी, याद तुम्हारी भाती है।।
शुचिता अग्रवाल 'शुचिसंदीप'
तिनसुकिया, असम
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