कभी उड़ती हुई खुशियाँ कभी बहते से गम आये।
कभी अव्वल रहा कोई कभी बाजी ले हम आये।
रहूँ धरती पे लेकिन ख्वाब ऊँचे आसमां से है,
यही कोशिश कि आँखों में जरा आँसू ये कम आये।।
सुचिता अग्रवाल'सुचिसंदीप'
तिनसुकिया, असम
कभी अव्वल रहा कोई कभी बाजी ले हम आये।
रहूँ धरती पे लेकिन ख्वाब ऊँचे आसमां से है,
यही कोशिश कि आँखों में जरा आँसू ये कम आये।।
सुचिता अग्रवाल'सुचिसंदीप'
तिनसुकिया, असम
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