सत्य सनातन धर्म ने, पकड़ी सच की राह।
सत्यमेव जयते बना, ध्वज की पहली चाह।१।
गहरा दलदल झूठ का, जो गिरते पछताय।
सत्य कलश अमृत भरा, जो पीवे तर जाय।२।
झूठ कपट मन जानता, विचलित भीतर होय।
खुल जाए जब भेद तो, स्वयं प्रतिष्ठा खोय।३।
सच कड़वी सी है दवा, भला करे वह काम।
झूठ बिगाड़े काज को, डूबे जग में नाम।४।
सुचिता अग्रवाल "सुचिसंदीप"
तिनसुकिया,असम
सत्यमेव जयते बना, ध्वज की पहली चाह।१।
गहरा दलदल झूठ का, जो गिरते पछताय।
सत्य कलश अमृत भरा, जो पीवे तर जाय।२।
झूठ कपट मन जानता, विचलित भीतर होय।
खुल जाए जब भेद तो, स्वयं प्रतिष्ठा खोय।३।
सच कड़वी सी है दवा, भला करे वह काम।
झूठ बिगाड़े काज को, डूबे जग में नाम।४।
सुचिता अग्रवाल "सुचिसंदीप"
तिनसुकिया,असम
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