बह्र-22 22 22 22 22 2
कण-कण केशरिया मिट्टी का दिखता है।
जग का गुरु भारत कहलाता दिखता है।
था विश्वास कभी तो जनता जागेगी।
अंत समय भ्रष्टाचारी का दिखता है।
फिर इक बार वही सत्ता में आये हैं।
देश से बढकर जिनको कुछ ना दिखता है।
कथनी करनी एक बना जो जीते हैं।
उनके पीछे जग ये सारा दिखता है।
झूठे वादे करके राज किया जिसने।
वो जंगल प्रस्थान करेगा दिखता है।
होगा न्याय कहा नारों के जरिये से।
चार दशक अन्याय किया था दिखता है।
"शुचिता"भारत की अक्षुण्ण रहेगी अब।
चौकीदार बड़ा बलवाला दिखता है।
सुचिता अग्रवाल"सुचिसंदीप"
तिनसुकिया, असम
25.5.2019
कण-कण केशरिया मिट्टी का दिखता है।
जग का गुरु भारत कहलाता दिखता है।
था विश्वास कभी तो जनता जागेगी।
अंत समय भ्रष्टाचारी का दिखता है।
फिर इक बार वही सत्ता में आये हैं।
देश से बढकर जिनको कुछ ना दिखता है।
कथनी करनी एक बना जो जीते हैं।
उनके पीछे जग ये सारा दिखता है।
झूठे वादे करके राज किया जिसने।
वो जंगल प्रस्थान करेगा दिखता है।
होगा न्याय कहा नारों के जरिये से।
चार दशक अन्याय किया था दिखता है।
"शुचिता"भारत की अक्षुण्ण रहेगी अब।
चौकीदार बड़ा बलवाला दिखता है।
सुचिता अग्रवाल"सुचिसंदीप"
तिनसुकिया, असम
25.5.2019
No comments:
Post a Comment