Tuesday, August 3, 2021

पुनीत छंद 'भाई मेरा मान'

 पुनीत छंद "भाई मेरा मान"


भाई बहना का त्योंहार,

राखी दोनों का है प्यार।

जीये भाई सौ-सौ साल,

धागा मेरा तेरी ढाल।


कुमकुम टीका माथे सोय,

यश भाई का जग में होय।

रखना मुँह में मीठे बोल,

इसी मिठाई का है मोल।


पूनम के चंदा सा रूप,

शीत सुहानी तुम हो धूप।

सावन की मृदु हो बौछार,

बरसो फिर भी आता प्यार।


जनम-जनम का अपना साथ,

बाँधूं राखी तेरे हाथ।

भाई मेरा,मेरा मान,

करती तेरा हूँ सम्मान।

◆◆◆◆◆◆

पुनीत छंद विधान-


यह 15 मात्राओं का सम मात्रिक छंद है। दो दो चरण या चारों चरण समतुकांत होते हैं।


इसका मात्रा विन्यास निम्न है-

चौक्कल+छक्कल +SS1(गुरु गुरु लघु) = 15 मात्रायें।


(चौकल 2-2,211,1111 या 112 हो सकता है, छक्कल  2 2 2, 2 4, 4 2, 3 3 हो सकता है।)

●●●●●●●

शुचिता अग्रवाल 'शुचिसंदीप'

तिनसुकिया, असम


No comments:

Post a Comment

Featured Post

शुद्ध गीता छंद, "गंगा घाट"

 शुद्ध गीता छंद-  "गंगा घाट" घाट गंगा का निहारूँ, देखकर मैं आर पार। पुण्य सलिला, श्वेतवर्णा, जगमगाती स्वच्छ धार।। चमचमाती रेणुका क...