ये
बेटी
नाज है
आवाज है
अतुलनीय
अनिवर्चनीय
पवित्र नमाज है।
संस्कारों की छवि है।
ममतामयी है।
घर सजाती
अनुपम
अथाह
प्रेम
से।
सुचिता अग्रवाल"सुचिसंदीप"
तिनसुकिया, असम
विधान-
वर्ण पिरामिड, आरोही-अवरोही यह हाइकू विधा की तरह विषम चरणों वाला एक वर्णिक छंद है । इस छंद में सात चरण है ।इसके प्रथम चरण में एक वर्ण ,दूसरे में दो वर्ण ,तीसरे में तीन…….क्रमशः सातवे में साथ वर्ण होते है । जबकि आधे वर्ण नही गिने जाते है । किन्ही दो पदों में तुकांत आने पर रचना सुंदर बन जाती हैं ।
इस विधा में कम शब्दों में ही पूरा भाव कहना होता है।अर्थात ‘गागर में सागर।
बेटी
नाज है
आवाज है
अतुलनीय
अनिवर्चनीय
पवित्र नमाज है।
संस्कारों की छवि है।
ममतामयी है।
घर सजाती
अनुपम
अथाह
प्रेम
से।
सुचिता अग्रवाल"सुचिसंदीप"
तिनसुकिया, असम
विधान-
वर्ण पिरामिड, आरोही-अवरोही यह हाइकू विधा की तरह विषम चरणों वाला एक वर्णिक छंद है । इस छंद में सात चरण है ।इसके प्रथम चरण में एक वर्ण ,दूसरे में दो वर्ण ,तीसरे में तीन…….क्रमशः सातवे में साथ वर्ण होते है । जबकि आधे वर्ण नही गिने जाते है । किन्ही दो पदों में तुकांत आने पर रचना सुंदर बन जाती हैं ।
इस विधा में कम शब्दों में ही पूरा भाव कहना होता है।अर्थात ‘गागर में सागर।
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