Tuesday, May 21, 2019

दोहा छन्द "नीम"

नीम पत्तियाँ खाइये, नित ताजा दस पाँच।
रक्त विकार मिटे सभी,आएगी नहिं आँच।१।

नीम सुखाकर राखिये, मंजन करिये भोर।
पायरिया छू ना सके, दंत लगे चितचोर।२।

फोड़े फुंसी घाव पर, इसका लेप लगाय।
चर्म रोग को दूर कर,जूँ को दूर भगाय।३।

फूल पत्तियाँ नीम की,और निबोली भाग।
इसकी फाँकी से हटे,तन के सारे दाग।४।

पथरी, कब्ज, बुखार का, नीम अचूक इलाज।
नीम भगाये रोग वो, होय जो लाइलाज।५।

सुचिता अग्रवाल"सुचिसंदीप"
तिनसुकिया, असम

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