Saturday, June 26, 2021

'गोपी छंद' ' गोपियों की शर्तें

   "गोपी छंद"

गोपियों ने मिलकर ठाना,

श्याम से शर्तें मनवाना,

पकड़ में आज तनिक आया,

दूध,दधि जमकर जब खाया।


कहा सखियों ने सुन कान्हा,

भूल अब हमको मत जाना,

नाच नित हमें दिखाओगे,

वेणु की तान सुनाओगे।


चराने गाय चले जाते,

साँझ ढलने पर ही आते,

बाट कब तक देखें तेरी,

हमें भी होती है देरी।


बाँधकर रख लेंगे तुमको,

सताया अब से जो हमको,

आज से वचन हमें देना,

पहर आठों सुधि तुम लेना।


शुचिता अग्रवाल'शुचिसंदीप'

तिनसुकिया, असम

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