Friday, June 4, 2021

चित्रपदा छन्द,गुरु वंदना

 हे गुरुदेव विधाता,

ज्ञान सुधा रस दाता।

मात,पिता तुम भ्राता,

जीवन ज्योत प्रदाता।


नित्य करे पर सेवा,

युग संचालक देवा।

सत्य सदा वरदाता,

हे गुरुदेव विधाता।


सार्थक पाठ पढ़ाते,

सत्पथ वो दिखलाते।

बुद्धि विवेक अगाथा,

हे गुरुदेव विधाता।


है भगवान पधारे,

रूप गुरु खुद धारे।

शीश झुका जग ध्याता,

हे गुरुदेव विधाता।


शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप"

तिनसुकिया, असम


(चित्रपदा छन्द विधान-

8 वर्ण,चार चरण

दो-दो समतुकांत

211 211 2 2)


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