1.
ज्यूँ होली सात रंगों की,रहे जीवन ये सतरंगी।
रहे उल्लास जीवन में,रहे रिश्ते सभी रंगी।
सभी खुशियों को लेकर के,ये होली आज आई है,
हमारी ओर से सबको,बधाई ही बधाई है।
2.
है बचपन की शरारत ये,कि यौवन की है अल्हड़ता,
भिगोदे सबको खुशियों से,है पिचकारी में ये क्षमता।
यूँ ही हँसते सदा रहना,निरोगी स्वस्थ काया हो,
मिले सातों ही सुख हरदम,रहे भरपूर माया हो।
रहे भगवान की किरपा,उन्हीं की छत्रछाया हो।
3.
है जितने रंग खुशियों के,लगादूँ आपको सारे,
मेरा मन ही ये जाने बस,कि कितने आप हो प्यारे,
है होली तो बहाना इक, दुआएं रोज देती हूं...
सभी खुशियाँ हों दामन में,प्रभु से माँग लेती हूँ।
4.
सजी धरती ये दुल्हन सी,
लगे अम्बर दिवाना सा।
लगे राधा सी तू बिटिया,
कि कान्हा संग सी जोड़ी।
मिले भरपूर सुख तुमको,
लगे हर दिन ही होली सा।
नई खुशियों का हर दिन ही,
मिले तुमको पिटारा सा।
5.
लाल रंग की चूनड़ी,गुलाबी हो श्रृंगार,
हरे घाघरे में जड़े, सोन रंग के तार,
चेहरा चाँदी जैसा तेरा,काले तेरे बाल,
तुझे सजाने सब रंग लाया,होली का त्योंहार।
डॉ. शुचिता अग्रवाल 'शुचिसंदीप'
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