सुखद अनुभूति मत पूछो,बड़ा प्यारा नजारा है।
सभी दिग्गज कविगण है,हर एक श्रोता ही प्यारा है।
लगे यह मंच मन्दिर सा ,पुजारी बन के मैं आयी।
सरल भावों की माला को, सजा कर सबपे वारा है।।
डॉ.सुचिता अग्रवाल"सुचिसंदीप"
तिनसुकिया, असम
सभी दिग्गज कविगण है,हर एक श्रोता ही प्यारा है।
लगे यह मंच मन्दिर सा ,पुजारी बन के मैं आयी।
सरल भावों की माला को, सजा कर सबपे वारा है।।
डॉ.सुचिता अग्रवाल"सुचिसंदीप"
तिनसुकिया, असम
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