जहाँ उपवन वहीं फूलों का मुस्काता जहां होगा।
बरसती बूँद पानी की तो बादल भी वहाँ होगा।
अगर भावों की गंगा में नहाकर झूमना हो तो,
मजा कवियों की महफ़िल सा जगत में फिर कहाँ होगा।।
सुचिता अग्रवाल "सुचिसंदीप"
तिनसुकिया, असम
बरसती बूँद पानी की तो बादल भी वहाँ होगा।
अगर भावों की गंगा में नहाकर झूमना हो तो,
मजा कवियों की महफ़िल सा जगत में फिर कहाँ होगा।।
सुचिता अग्रवाल "सुचिसंदीप"
तिनसुकिया, असम
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