(समधी-समधन)
"सकल सुखद संजोग से ब्याह मंड्यो है आज"।
देव पधारो आँगन,सकल सुधारो काज"।।
करें मनुहार समधी की,
करें मनुहार समधन की।
बलैया ले रहे हम तो,
नए रिश्ते के हर जन की।।
बिछा पलकें रखें हैं हम,
पधारे आप आँगन में,
बिठा लेंगे दिलों में ही,
बड़ा सम्मान है मन में।
घटा निखरी,हवा महकी,
झनक कहती है ये घन की।
बलैया ले रहे हम तो, नए रिश्ते के हर जन की।
करें मनुहार समधी की,
करें मनुहार समधन की।
हमारा भाग्य है जो आप,
कुटिया में पधारे जी।
क्षमा करना हमारी भूल
अरु अपराध सारे जी।
हुई लाखों गुनी शोभा,
सुनो जी आज आँगन की
बलैया ले रहे हम तो,
नए रिश्ते की हर जन की।
करें मनुहार समधी की,
करें मनुहार समधन की।
हमारी लाडली को जो,
मिला सुंदर पिया है जी।
बड़ा प्यारा जंवाई आपने हमको दिया है जी।
करोड़ों में है समधी तो निराली बात समधन की।
बलैया ले रहे हम तो,
नए रिश्ते के हर जन की।
करें मनुहार समधी की,
करें मनुहार समधन की।
#सर्वाधिकार सुरक्षित
#स्वरचित
सुचिता अग्रवाल "सुचिसंदीप"
तिनसुकिया, असम
"सकल सुखद संजोग से ब्याह मंड्यो है आज"।
देव पधारो आँगन,सकल सुधारो काज"।।
करें मनुहार समधी की,
करें मनुहार समधन की।
बलैया ले रहे हम तो,
नए रिश्ते के हर जन की।।
बिछा पलकें रखें हैं हम,
पधारे आप आँगन में,
बिठा लेंगे दिलों में ही,
बड़ा सम्मान है मन में।
घटा निखरी,हवा महकी,
झनक कहती है ये घन की।
बलैया ले रहे हम तो, नए रिश्ते के हर जन की।
करें मनुहार समधी की,
करें मनुहार समधन की।
हमारा भाग्य है जो आप,
कुटिया में पधारे जी।
क्षमा करना हमारी भूल
अरु अपराध सारे जी।
हुई लाखों गुनी शोभा,
सुनो जी आज आँगन की
बलैया ले रहे हम तो,
नए रिश्ते की हर जन की।
करें मनुहार समधी की,
करें मनुहार समधन की।
हमारी लाडली को जो,
मिला सुंदर पिया है जी।
बड़ा प्यारा जंवाई आपने हमको दिया है जी।
करोड़ों में है समधी तो निराली बात समधन की।
बलैया ले रहे हम तो,
नए रिश्ते के हर जन की।
करें मनुहार समधी की,
करें मनुहार समधन की।
#सर्वाधिकार सुरक्षित
#स्वरचित
सुचिता अग्रवाल "सुचिसंदीप"
तिनसुकिया, असम
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