Saturday, November 2, 2019

मुक्त कविता,'एक चिट्ठी माँ के नाम'



नयी माँ आ गयी
माँ तेरे जाने के बाद।
पापा की गोद में
नए भाई ने ले ली मेरी जगह
तेरे जाने के बाद।
कुछ नहीं बदला माँ
अब भी खिलौने नए आते हैं,
कपडे रंग बिरंगे
पापा लाते हैं।
दिवाली के पटाखे
होली के रंग
छोटू और नई माँ
को लेकर संग।
अब भी पापा
वैसे ही घुमते हैं
सिर्फ स्कूटर पे
आगे खड़े होने की जगह
छोटू भाई ने ले ली
तेरे जाने के बाद।
तब तू दौड़ दौड़ कर
कभी गोद में अपनी मुझे बैठाकर
कौन खाया...कौन खाया
बिल्ली वाली कहानी सुनाकर
झट से खाना मुझे खिलाती थी।
तब मैं तुम्हें बहुत
तंग किया करता था।
अब राजा बेटा बन गया हूँ
खुद मांगकर खाना
नयी माँ से ले आता हूँ।
बिना शोर मचाये
चुपचाप खाकर
बर्तन भी धोकर
रख देता हूँ।
तुमने प्यार ने बिगाड़ रखा था
नयी माँ ने मुझे सुधार दिया
तेरे जाने के बाद।
पता है माँ??
नयी माँ बहुत अच्छी है
वो मुझे रोज
स्कूल जाने को भी नहीं कहती है
छोटू का काम करने के लिए
अक्सर मुझे घर पर ही रख लेती है
नयी साइकिल पर छोटू को बैठाकर
पीछे से धक्का देना मुझे
बहुत अच्छा लगता है।
कपडे सुखाने के लिए
जब छत पर जाता हूँ
कुछ देर छुप छुप कर
उड़ती पतंग को देखना
मुझे बहुत अच्छा लगता है
जब नहीं पढ़ता था
तुम डांटा करती थी
पढ़ने बैठने पर डाँट पड़ती है
तेरे जाने के बाद।
रात का सन्नाटा
खामोश कमरा मेरा साथी है
माँ की लोरी, पापा की कहानी
अब कहाँ मुझे नींद दिलाती है।
सिसकियाँ भी अब तो
तकिये को मुँह पर रखकर लेता हूँ
रोने पर कोई भी अब
चुप होजा राजा बेटा
कहकर न गले लगायेगा
सुन लेगी मेरी आवाज तो
कल भूखा रहना पड़ जाएगा
पापा भी छोटू को चूमकर
दफ्तर चले जाते हैं
मैं भी घर पर रहता हूँ
अब वो अक्सर भूल जाते हैं।
मैं भी एक सितारा माँ
बन जाता तेरे साथ
क्यूँ नहीं मुझे भी
ले गयी अपने साथ?
गुस्सा आता है
तुम पर बहुत
तेरे जाने के बाद।

डॉ. सुचिता अग्रवाल ,'सुचिसंदीप'
 तिनसुकिया, असम

3 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 06 जून 2020 को लिंक की जाएगी ....
    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

    ReplyDelete
  2. वेदना के प्रचंड ताप में अश्रू सूख रहे हैं। मर्मस्पर्शी!!!

    ReplyDelete
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति

    ReplyDelete

Featured Post

शुद्ध गीता छंद, "गंगा घाट"

 शुद्ध गीता छंद-  "गंगा घाट" घाट गंगा का निहारूँ, देखकर मैं आर पार। पुण्य सलिला, श्वेतवर्णा, जगमगाती स्वच्छ धार।। चमचमाती रेणुका क...