Saturday, November 9, 2019

दोहे,बिहू/सक्रांति


पोंगल,खिचड़ी,लोहड़ी,बिहु बोहाग,संक्रांत।
दिनकर उत्तरायण चले,खुशियों की सौगात।।

प्राकृतिक सौंदर्य में,असम प्रान्त का नाम।
पर्व मुख्य है बिहु यहाँ,तिल,चावल का खान।।

तिल चावल अरु नारियल,गन्ना है भरपूर।
दाल कलाई साथ में,खाना भात जरूर।

पेठा चिवड़ा दही सभी,खाते घर के लोग।
भोगाली बिहु में बने,तरह-तरह के भोग।।

खेती की धरती सजे,*मेजी* जलती रात।
झूम-झूम सब नाचते,हँस कर करते बात।।

है मकर संक्रांति का,पर्व अनूठा नेक।
दिखती विविध अनेकता भारत फिर भी एक।


मेजी-आग
बोहाग या भोगाली -बिहु पर्व का नाम

डॉ.सुचिता अग्रवाल"सुचिसंदीप"
तिनसुकिया, असम

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