जिस तरह एक मृग सुगंध को ढूंढने के लिए वन वन भटकता फिरता है जबकि वह सुगंध फैलाने वाली कस्तूरी मृग की नाभि में ही विद्यमान है। ठीक उसी तरह सफलता की कुंजी या सफलता की चाबी हर इंसान के पास मौजूद है और वो उसे पाने के लिए जीवन भर दौड़ता ही रह जाता है।
इंसान के सकारात्मक विचार ही वह कस्तूरी है या यूं कहिये की सफलता की कुंजी है जिसकी सुगंध से हम पूरे संसार को महका सकते हैं।
इतिहास गवाह है दुनिया की हर खोज के पीछे विचार शक्ति का हाथ है। जितने भी महान लोग धरती पर हुए हैं उन सबको सकारात्मक विचार शक्ति की ताकत का भान हुआ और तत्काल उसके प्रयोग से वो सब अमर हुए हैं।
सम्पूर्ण ब्रह्मांड हमारे विचारों से संप्रेषित होता है।
यह एक आकर्षण के नियम के तहत काम करता है। हम अपने अच्छे या बुरे विचारों की घोषणा ब्रह्मांड को करते हैं और वही विचार वस्तु बनकर हमारे सामने प्रकट होते हैं।
हमें क्या चाहिए, हम क्या पाना चाहते हैं या क्या बनना चाहते हैं इसकी सूचना अपने विचारों द्वारा ब्रह्मांड को देना हमारा कार्य है। कार्य की पूर्णता ब्रह्मांड का काम है। वह वही लौटाएगा जिनका हम विचारों की शक्ति द्वारा आह्वान करते हैं बिना नकारात्मकता के।
बहुत कम लोगों को इस रहस्य के बारे में पता है इसलिए सफल भी बहुत कम लोग ही हो पाते हैं।
जानकर आश्चर्य होगा कि पूरे संसार का 96% धन मात्र 1% लोगों के द्वारा कमाया जाता है । उनके पास विचारों का जादू है और वो अपने विचारों द्वारा धन को आकर्षित करते हैं।
लंबे समय तक विचारों में बिना नकारात्मकता के जिस चीज का मंथन होता रहता है वह अवश्य प्रकट होती है।
कहने का मतलब यही है कि अपने विचारों को सकारात्मक करने का प्रतिपल अभ्यास करें, बहुत ऊंचा सोचें, लगन और विश्वास का दामन थामे रखें, अपने अंदर छुपी सफलता की राह को समझें और तत्परता से आगे बढ़ने को तैयार रहें।
हम अपनी तकदीर खुद बना सकते हैं। विचारों का चुनाव सोचसमझ कर करें सफलता अपने आप कदमों में चली आएगी यह मेरा अटल विश्वास है।
सुचिता अग्रवाल "सुचिसंदीप"
तिनसुकिया,असम
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