राखी बांधे बहन कलाई।
हरदम खुश हो मेरा भाई।।
सुख काया वैभव धन चाहे।
वीरा के प्रति मां की जाई।।
नाच रहे खुशियों से परिजन।
मात पिता भाई भौजाई।।
झूम झूम कर सावन गाये।
छंद गीत अरु वैण सगाई।।
भाई का आँगन मंगलमय।
बंधनबार सजाकर लायी।।
महिमा राखी की है न्यारी।
नवयौवन सी रौनक छाई।।
खुशियाँ देना खुशियाँ लेना।
यही रीत बस चलती आयी।।
आंखों में दोनों ने झांका।
निश्छल प्रेम भरी सच्चाई।।
है अटूट बन्धन राखी का।
रिश्तों की यह दूध मलाई।।
सुचिसंदीप"शुचिता"अग्रवाल
तिनसुकिया,असम
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